अयोध्या फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दायर करेगा. जफरयाब जिलानी ने कहा कि हम दिसंबर के पहले हफ्ते में रिव्यू पिटिशन दायर करेंगे. फैसला आने के बाद ही जफरयाब जिलानी ने कहा था कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. हम इस फैसले को आखिरी फैसला नहीं मानते हैं.
जफरयाब जिलानी ने कहा था कि मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन दूसरी जगह लेने का प्रस्ताव शरीयत के खिलाफ है. इस्लामी शरीयत इसकी इजाजत नहीं देती. वक्फ एक्ट भी यही कहता है. सुप्रीम कोर्ट मस्जिद की जमीन को बदल नहीं सकता. अनुच्छेद 142 के मुताबिक वह किसी संस्थान के खिलाफ नहीं जा सकता.